मुमकिन है यही दिल के
मिलाने का सबब हो
ये रुत जो हमें हाथ मिलाने नहीं देती
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
मोहब्बत में फासले भी जरूरी है साहब
जितनी दूरी उतना ही गहरा रंग चढ़ता है
थकना भी लाजमी थी कुछ काम करते करते
कुछ और थक गया हूं आराम करते-करते ।
टेंशन से मरेगा ना कोरोना से मरेगा
एक शख्स तेरे पास ना होने से मरेगा ।
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